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‘सुकून’ क्या है?
’सुकून’ वर्तमान जीवन-शैली के बारे मे पुनर्विचार करने हेतु बड़ा मिशन हैं।

मान्यवर,
अति उपभोग की वजह से ग्लोबल वार्मिंग आज दुनिया की सबसे बड़ी समस्या बन गई है। आज इंसान ने अपनी जरूरतें इतनी पैदा कर ली हैं, जिन्हें पूरा करते-करते बुढ़ापा तक आ जाता हैं। इस भागमभाग दुनिया मे कितना भी कुछ कर लेवे फिर भी सुकून के ‘उस पल’ के लिए हम पूरी उम्र तरसते ही रहते हैं। जरा सोचिए, क्या हमारा जन्म केवल उपभोग और जरूरतें पूरी करने के लिए ही हुआ हैं ???
यह वाकई एक प्रश्न हे जो मन को झ़कझोर देता हैं।

मीडिया एवं पब्लिकेशन क्षेत्र में कार्य करते हुए अक्सर देखा है कि एक व्यक्ति किसी वस्तु के लिए अभावग्रस्त हैं तो दूसरा व्यक्ति ऐसा भी है जिसके पास वही वस्तु बेकार पड़ी है और वो सामान किसी और के काम भी आ सकता है। कई बार हमारा मन भी होता है की ये उपयोगी वस्तु किसी जरूरतमंद के काम आ जाए तो कितना अच्छा हो जाए लेकिन जिसको जरुरत है उसे कहां ढूंढे। मजेदार बात यह है की, ठीक इसी तरह जिसको उस वस्तु की जरुरत है वो आपको कैसे ढूंढे?
क्योंकि ऐसी वस्तुओं और जरूरतमंदों की जानकारी का कोई सही माध्यम नहीं होने से वह वस्तु बेकार पड़ी रहती है। फिर अंत में वह वस्तु कबाड़ी के यहां स्क्रेप में चली जाती हैं।

अतः इस कमी को पूरा करने हेतु मैंने 2014 मे उदयपुर में एक ऐसा विशाल शोरूम शुरु किया, जहां आप अपने घर, दुकान या ऑफिस पर पड़ा कोई भी-कैसा भी नया-पुराना उपयोगी सामान जो अब आपके काम नहीं आ रहा हो और आप किसी ओर को फ्री गिफ्ट करना चाहें तो ऐसा सामान हमारें ‘सुकून शोरूम’ को गिफ्ट कर सकते है। ये सामान हम "सुकून शोरूम" में सज़ा कर रखते है। शहर और गाँवों गाँवो से लोग हमारे शोरूम आते है, अपनी जरुरत बताते है और हम यह उपयोगी सामान उन्हें (निःशुल्क) उपलब्ध करवाते है। आप द्वारा गिफ़्ट किया सामान किसी व्यक्ति, संस्था, संगठन या जरुरतमंद की जरुरत को पूरा भी करता है। आपको भी मन में सुखद अनुभूति होती है की, आपकी वजह से किसी की जरुरत पूरी हुई। देने वाले को कोई सामान पसंद आए तो लेकर भी जा सकते हैं।

अतः नया-पुराना कोई भी उपयोगी सामान हमें गिफ्ट कीजिये...
साथियों 2014 से उदयपुर में "सुकून शोरूम" चल रहा है, एक रूपया भी किसी से डोनेशन या चंदा नहीं लेते है। सबकुछ मै अपनी जेब से खर्चा करके यह सोशियल सेवा का मूवमेन्ट चल रहा है। हमारे पास कोई रसीद बुक या बील बुक भी नहीं है, यहाँ तक की ‘सुकून’ के नाम से कोई बैंक अकाउंट भी नहीं है। ‘सुकून’ कोई संस्था, एनजीओ, फाउण्डेशन, सोसाईटी या ट्रस्ट नहीं है, बस एक देशव्यापी मिशन है। हम इस कार्य को धन कमाने या फंड इकट्ठा करने के लिए नहीं कर रहे हैं। किसी व्यक्ति, संस्था, सरकार या किसी उद्योगपति से कोई डोनेशन (केश या चेक) एक रूपया भी हम स्वीकार नहीं करते है। सच्ची सेवा का भाव लेकर शुद्ध अंतःकरण से बस माध्यम बने रहना चाहते है, क्योंकि ‘सुकून’ मिशन DONATIONS एकत्रित करने के लिए नहीं DO-NATIONS के लिए है।

मित्रो,
आप हमें कपडे, किताबे, जैकेट, जूते, मोजे, कोट, पेन्ट, साड़ियां, खेल सामग्री, खिलौने, एक्जाम नोट्स, खाली कागज, स्टील बर्तन, बल्ब, घड़ी, क्राकरी, चश्मे, आर्टिफिशल ज्वैलरी, बच्चों का झुला, वाकर, पुराना वाहन, साईकिल, टीवी, साफ्ट टायस, सिलाई मशीन, तस्वीरें, म्यूजिकल इन्स्ट्रूमेन्ट, म्यूजिकसिस्टम, फीटनेस इक्युपमेन्ट, गैस चूल्हा, केरम, शतरंज, बाल, हाकी, स्केटिंग शूज, गिफ्ट आर्टिकल, प्रेस, क्रिकेट बेट, चार्जर, मोबाईल, कम्प्यूटर, प्रिंटर, पेनड्राईव, सीडी, डीवीडी. प्लेयर, कूलर, फ्रीज, ट्यूबलाईट, हीटर, गीजर, फर्नीचर, अलमारी, प्लाई, किवाड़, खिड़कियां, बेडशिट, कम्बल, रजाई, बिस्तर, दरी, मेग्जीन, धार्मिक किताबें, स्टेशनरी, डायरेक्ट्री, नोटबूक, हैण्डीक्राफ्ट, सेनेट्री या हार्डवेयर सामान, कोठी या ड्रम, वाटर बोटल, नली, बागवानी का सामान, औजार, टूल्स, मषीन, वाटर पम्प इत्यादि कोई भी सामान गिफ्ट कर सकते है।
हम मनी & मेडिसिन नहीं लेते है, बाकी सबकुछ लेते है।
खास निवेदन सभी से रहता है कि टूटा, फूटा, भंगार या कबाड़ी के काम आए ऐसा सामान हमें ना देवें। सामान ऐसा हो जिससे आपको, हमको और लेने वाले तीनो को सुकून मिले।

धन्यवाद।
सम्पत बापना (जर्नलिस्ट)
फाउंडर ‘सुकून’



What is 'SUKOON'?
A movement for re-Thinking our LIFESTYLE.

Greetings,
Global warming due to over consumption has become the biggest problem in the world today. Today man has created so much of his needs, which, while fulfilling, he reaches old age. No matter how much we may do in this mundane world, we still yearn for 'that moment' of peace our whole life.
Just think, are we born only to consume and fulfill our needs???
This is indeed a question that boggles my mind.

While working in the Media, Publication and Online sector, it is often seen that one person is lacking for something, then there is another person who has the same item lying idle and that stuff can also be useful to someone else. Sometimes we also feel that if this useful item comes in handy for some needy, how good it will be, but where to find the one who needs it. The funny thing is, how do you find the one who needs that item in the same way? Because there is no proper medium of information about such items and the needy, that item remains useless. Then in the end, that item goes to the scrap at the scraper.

Therefore, to fill this gap, I started such a "Big Showroom" in Udaipur in 2014, where you can find any new or old useful items lying at your home, shop or office, which are no longer useful to you and you can get away with it. If you want to gift for free, then you can gift such goods to our "SUKOON Showroom". We keep these items decorated in "SUKOON Showroom" People from cities and villages come to our showroom, tell their needs and we provide these useful items to them (free of cost). The goods gifted by you also fulfill the need of any person, organization, organization or needy. You also have a pleasant feeling in your mind that because of you, someone's need has been fulfilled.
If the giver likes any item, then he can also take it.
So gift us any useful stuff new or old...

Friends,
Since 2014, "SUKOON Showroom" is running in Udaipur, not even a single rupee does not take donation or donation from anyone. This social service movement is going on by spending everything from my own pocket. We don't even have any receipt book or bill book, not even a bank account in the name of 'Sukoon'. 'Sukoon' is not an organization, NGO, foundation, society or trust, just a nation wide mission. We are not doing this work to earn money or to collect funds. We do not accept any donation (cash or cheque) from any person, institution, government or any industrialist even a single rupee. Taking the spirit of true service, with pure conscience, just want to remain a medium, because the 'SUKOON' mission is not for collecting donations but for do-nations.

Friends,
You can send us clothes, books, jackets, shoes, socks, coats, paints, saris, sports goods, toys, exam notes, blank papers, steel utensils, bulbs, watches, crockery, glasses, artificial jewellery, teeter, walker, old Vehicle, Bicycle, TV, Soft Ties, Sewing Machine, Pictures, Musical Instrument, Music System, Fitness Equipment, Gas Stove, Carrom, Chess, Ball, Hockey, Skating Shoes, Gift Article, Press, Cricket Bet, Charger, Mobile, Computer, Printer, Pendrive, CD, DVD. Player, Cooler, Freeze, Tubelight, Heater, Geyser, Furniture, Wardrobe, Ply, Door, Windows, Bedsheet, Blankets, Quilt, Bedding, Curry, Magazine, Religious Books, Stationery, Directory, Notebook, Handicraft, Sanitary or Hardware Goods, Kothi or drum, water bottle, hose, gardening items, tools, tools, machine, water pump etc. can be gifted any item.
We do not take money and medicine, we take everything else.

NOTE: A special request is made to everyone that do not give us such items that are broken, broken, broken or used for junk. The goods should be such that you, us and all the three who take it get comfort.

Thank you.
Sampat Bapna (journalist)
Founder 'Sukoon'

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